अब UP सरकार दे रही है इलेक्ट्रिक कार और टू व्हीलर खरीदने पर 1 लाख तक सब्सिडी, जाने कैसे उठाएं फायदा
UP सरकार लगातार देश में बिजली से चलने वाली कारों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के माध्यम से भी सब्सिडी दी जा रही है। इसी कड़ी में बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक पोर्टल upevsubsidy.in जारी किया है, जिसके माध्यम से पात्र नागरिक ऑनलाइन सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है इससे जुड़ी जानकारी और इस पोर्टल से कैसे मिलेगा फायदा।
किसे मिलती है सब्सिडी?
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 14 अक्टूबर के बाद देश में इलेक्ट्रिक कार खरीदने वाले ग्राहक सब्सिडी का दावा करने के पात्र होंगे। एक बार आवेदन जमा हो जाने के बाद, सफल सत्यापन प्रक्रिया के बाद सब्सिडी राशि ग्राहक के वित्तीय संस्थान खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।
आपको बता दें कि कार सेगमेंट में कार खरीदने पर व्यक्तिगत लाभार्थियों (खरीदारों) को ईवी पर सब्सिडी देय होगी।हालाँकि, यह खरीद सब्सिडी देश के अधिकारियों के माध्यम से एग्रीगेटर्स या फ्लीट ऑपरेटरों (खरीदारों) को भी दी जा सकती है, ताकि सेगमेंट के भीतर 10 कारों में से किसी एक यूनिट पर सबसे अधिक सब्सिडी का लाभ उठाया जा सके। आइए आपको बताते हैं
upevsubsidy.in पोर्टल पर करें आवेदन
कहा गया है कि बिना बैटरी वाली ईवी खरीदने वाले लोगों के लिए सब्सिडी राशि कुल सब्सिडी का केवल 50 प्रतिशत होगी। हालांकि, सब्सिडी देने के लिए अभी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। जिन ग्राहकों ने 14 अक्टूबर के बाद बिजली से चलने वाली कारें खरीदी हैं, वे upevsubsidy.in पोर्टल के माध्यम से आवेदन करके ईवी सब्सिडी का दावा करने के पात्र हैं। एक बार आवेदन जमा हो जाने के बाद, चार चरण की सत्यापन प्रक्रिया के सफल समापन के बाद सब्सिडी राशि ग्राहक के वित्तीय संस्थान खाते में स्थानांतरित की जा सकती है।
सब्सिडी की मात्रा क्या है?
कहा गया है कि व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पहली लाख की खरीद पर प्रति कार 5000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी, जो कि पूर्व-निर्माण सुविधा शुल्क के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। जबकि चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 25,000 रुपये की पहली खरीद पर प्रति वाहन 1 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी, जो कि पूर्व-निर्माण सुविधा शुल्क के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
व्यावसायिक वाहनों की बात करें तो पहली चार सौ गैर-सरकारी ई-बसों पर प्रति वाहन 20 लाख रुपये की सब्सिडी मिलती है, जो पूर्व-विनिर्माण इकाई लागत का 15 प्रतिशत तक होती है। वहीं, पहली हजार ई-आइटम कंपनियों को प्रति वाहन 1 लाख रुपये की सब्सिडी मिलती है, जिससे फैक्ट्री लागत में 10 प्रतिशत तक की छूट मिलती है।
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